नवलपक्कम का मंदिर और रहस्यमई शिलालेख
नवलपक्कम, वंदवासी के पास स्थित एक छोटासा गाव है जो तमिल नाडु के तिरुवन्नामलई जिले में है। तमिल में नव्वल का अर्थ है जीत और पक्कम का अर्थ है राजाओ के रहने का स्थान। माना जाता है की इस स्थान के लोग अपनी विद्या द्वारा जीत पा सकते है। संस्कृत के अनेको विद्वानो की यह जन्मभूमि रह चुकी है। श्रीवैष्णव ब्राह्मण यही से उत्पन्न हुए है। यह स्थान श्रीनिवास पेरुमल मंदिर के लिए जाना जाता है।
मंदिर के देवता - इस मंदिर में श्री श्रीनिवास हयग्रीव नरसिंह और श्री राम के पावन स्थल है।
वास्तुशैली - तंजोर के नायक राज्य के राजकाल में यह मंदिर बनवाया गाय. इसका निर्माण १६ वि सदी में हुआ। राज गुरु श्रीनिवासाचार्य और फिर उनके पुत्र अय्या कुमार थट्टाचार्य ने इस मंदिर के निर्माण का भार संभाला।
इस मंदिर में अग्रहरम (ब्राह्मणो का निवास स्थान ) और एक पानी का कुण्ड भी है। इस मंदिर का भ्रमण करने वाले लोग इसके शांत वातावरण से मुग्ध हो जाते है।
इस मंदिर की दीवारो पर अनेको शिलालेख है। इन शिलालेखो की पूरी तर से जानकारी प्राप्त नहीं हुई है तथा इनपर जांच करना आवश्यक है।
त्यौहार/समारोह - यहाँ ब्रह्मोत्सव धूम धाम से मनाया जाता है। इस मंदिर के भक्त यहाँ ज्ञान और विद्या प्राप्ति हेतु पूजा करते है।
हाल ही में तमिल नाडु के राज्यपाल श्री रोसैया ने इस मंदिर का भ्रमण किया। नीचे दिए गए संकेत स्थल पर उन्होंने धर्मों के बीच भाईचारे को बढ़ावा देने की बात की - Call for universal brotherhood, tolerance
संपर्क : न. र. शेषाद्रि
सचिव
+91 98400 89713 / +91 44 24861876
पता - S.Navalpakkam, Tamil Nadu 604408, India
दिशा निर्देश : नवलपक्कम चेन्नई से १०० किलोमीटर और कांचीपुरम से ३५ किलोमीटर पर है। वंदवासी से धिण्डीवनम तक बसे और ऑटो सेवाएं उपलब्ध है
translated by Ananya
नवलपक्कम, वंदवासी के पास स्थित एक छोटासा गाव है जो तमिल नाडु के तिरुवन्नामलई जिले में है। तमिल में नव्वल का अर्थ है जीत और पक्कम का अर्थ है राजाओ के रहने का स्थान। माना जाता है की इस स्थान के लोग अपनी विद्या द्वारा जीत पा सकते है। संस्कृत के अनेको विद्वानो की यह जन्मभूमि रह चुकी है। श्रीवैष्णव ब्राह्मण यही से उत्पन्न हुए है। यह स्थान श्रीनिवास पेरुमल मंदिर के लिए जाना जाता है।
मंदिर के देवता - इस मंदिर में श्री श्रीनिवास हयग्रीव नरसिंह और श्री राम के पावन स्थल है।
वास्तुशैली - तंजोर के नायक राज्य के राजकाल में यह मंदिर बनवाया गाय. इसका निर्माण १६ वि सदी में हुआ। राज गुरु श्रीनिवासाचार्य और फिर उनके पुत्र अय्या कुमार थट्टाचार्य ने इस मंदिर के निर्माण का भार संभाला।
इस मंदिर में अग्रहरम (ब्राह्मणो का निवास स्थान ) और एक पानी का कुण्ड भी है। इस मंदिर का भ्रमण करने वाले लोग इसके शांत वातावरण से मुग्ध हो जाते है।
इस मंदिर की दीवारो पर अनेको शिलालेख है। इन शिलालेखो की पूरी तर से जानकारी प्राप्त नहीं हुई है तथा इनपर जांच करना आवश्यक है।
रहस्यमई शिलालेख |
दीवारो पर रहस्यमई शिलालेख |
मंदिर की दीवारो पर रहस्यमई शिलालेख |
मंदिर के रहस्यमई शिलालेख |
हाल ही में तमिल नाडु के राज्यपाल श्री रोसैया ने इस मंदिर का भ्रमण किया। नीचे दिए गए संकेत स्थल पर उन्होंने धर्मों के बीच भाईचारे को बढ़ावा देने की बात की - Call for universal brotherhood, tolerance
संपर्क : न. र. शेषाद्रि
सचिव
+91 98400 89713 / +91 44 24861876
पता - S.Navalpakkam, Tamil Nadu 604408, India
दिशा निर्देश : नवलपक्कम चेन्नई से १०० किलोमीटर और कांचीपुरम से ३५ किलोमीटर पर है। वंदवासी से धिण्डीवनम तक बसे और ऑटो सेवाएं उपलब्ध है
translated by Ananya
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