श्री लक्ष्मी नारायण पेरुमल मंदिर , नीर्वालुर, कांचीपुरम
कांची में स्थित , श्री लक्ष्मी नारायण पेरुमल मंदिर चेन्नई से ८० किमी दूरी पर है।
माना जाता है की तमिल कवियत्री अव्वायर ने इस गाव का भ्रमण किया और गाव वालो से पीने का पानी माँगा। गाव के लोगो ने जब उन्हें पानी भी नहीं दिया तह उन्होंने इस पुरे गाव में पानी का आभाव रहे ऐसा शाप दिया।
इस घटना को कई सादिया बीत चुकी है फिर भी यहाँ पानी के आभाव की समस्या रही। इस समय एक वैष्णव संत श्री रामानुज यहाँ के ६ वे पुरोहित के स्वप्न में आये और कांचीपुरम में एक विष्णु मूर्ति गड़ी हुई है इसके बारेमे बताया। स्वप्न के अनुसार संत कांचीपुरम ए और राजा से मिले और मंदिर के लिए भूमि मांगी। राजा ने नीर्वालुर की न उपजने वाली भूमि दे दी।
यहाँ पोहोच के संत को गाव वालो के दूध का पता चला और उन्होंने नरसिंह से पानी के आभाव को खत्म करने के हेतु पूजा की। इस पूजा के आशीर्वाद के रूप में भरी वर्षा हुई। संत रामानुज एक सर्प के रूप में इस संत को मिले और अदृश्य हो गए। संत ने सर्प के पीछे चलना शुरू किया। उस स्थान के खुदान के बाद लक्ष्मी नारायण की मूर्ती प्राप्त हुई जो यहाँ सज्जित है। भरी वर्षा के कारन यहाँ एक तालाब भी बन गया और इसीलिए नीर्वालुर है , नीर का अर्थ है तमिल में पानी। इस तालाब को जीयर कुलम कहते है।
श्री लक्ष्मी नारायण पेरुमल मंदिर तालाब नीर्वालुर कांचीपुरम |
क्युकी संत रामानुज ने अहोबिल्ला मठ के संत को यहाँ लाया , इस स्थान को श्री भाष्यपुराम भी कहते है
(भाष्यकार - श्री रामानुज का एक और नाम है) . अहोबिल्ला मठ ने यहाँ उग्र नरसिम्हा की भी मूर्ति स्थापित की।
(भाष्यकार - श्री रामानुज का एक और नाम है) . अहोबिल्ला मठ ने यहाँ उग्र नरसिम्हा की भी मूर्ति स्थापित की।
श्री लक्ष्मी नारायण नीर्वालुर कांचीपुरम |
पिछली सदी में देवी लक्ष्मी के लिए अलग से आसन बनवाने के बोहोत प्रयत्न किये गए परन्ति देव गाव वालो
के स्वप्न में आकर यह कहते रहे की वे स्वयं लक्ष्मीनारायण है और अलग आसान व्यर्थ है। इसके बाद
कोई और प्रयन्त नहीं किये गए।
इस मंदिर की देख रेख अहोबिल्ला मठ करता है जो मंदिर के निकट में है। कांचीपुरम आने वाले यात्रिओ से
निवेदन है की वे इस स्थान के दर्शन करे। चेन्नई बंगलुरु राष्ट्रिय मार्ग पर कांचीपुरम से पहले एक पंबम
नाम के तेल का कारखाना पड़ता है , यहाँ से सीधा रास्ता मंदिर की और ले जाता है। कांचीपुरम बस स्थानक
से केवल १२ किलोमीटर पर यह मंदिर है।
के स्वप्न में आकर यह कहते रहे की वे स्वयं लक्ष्मीनारायण है और अलग आसान व्यर्थ है। इसके बाद
कोई और प्रयन्त नहीं किये गए।
इस मंदिर की देख रेख अहोबिल्ला मठ करता है जो मंदिर के निकट में है। कांचीपुरम आने वाले यात्रिओ से
निवेदन है की वे इस स्थान के दर्शन करे। चेन्नई बंगलुरु राष्ट्रिय मार्ग पर कांचीपुरम से पहले एक पंबम
नाम के तेल का कारखाना पड़ता है , यहाँ से सीधा रास्ता मंदिर की और ले जाता है। कांचीपुरम बस स्थानक
से केवल १२ किलोमीटर पर यह मंदिर है।
श्री लक्ष्मी नारायण पेरुमल मंदिर गोपुरम नीर्वालुर कांचीपुरम |
श्री लक्ष्मी नारायण नीर्वालुर |
श्री लक्ष्मी नारायण पेरुमल मंदिर गजस्तम्भ नीर्वालुर कांचीपुरम |
श्री लक्ष्मी नारायण पेरुमल नीर्वालुर कांचीपुरम |
स्थल पुरम (तमिल):
translated by Ananya
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